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उसका इश्क़ कोई और है, तो कैसी नदामत

Posted on:September 25, 2023 at 10:25 AM

उसका इश्क़ कोई और है, तो कैसी नदामत

उसका इश्क़ कोई और है, तो कैसी नदामत
मुझे अपनी दिल लगी की, इजाज़त तो है ॥

वो मेरी मौसीकी में शामिल नहीं तो क्या
उसकी यादों में उन बातों की, नफ़ासत तो है ॥

हम कितना माँगें उन्हें, उन्हीं से, वो ख़ुद समझ लें
मेरे हर इसरार का मना हो जाना, आफ़त तो है ॥

माना के सख़्त है, उसे किसी और के साथ देखना
उसे देखने का मिलता है मौक़ा मुझे, इनायत तो है ॥

मैं लाख मनाऊँ ख़ुद को, उसका हासिल ना होना
एक मलाल जलता है सुभ ओ शाम, अदावत तो है ॥

वो ना रही, उसकी सिर्फ़ यादें रह गयीं
उसके ख़तों से गुफ़्तगू, तिलावत तो है ॥

चलो जो ग़म था, इन अशआर में लिख दिए
जो ना रो सका मैं मेरे दर्द में हिफ़ाज़त तो है ॥