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Poeticc Whisperss

इस ज़ौक़े इश्क का ये हाल हो जाए, चर्चा मेरे इश्क का लब-ए-चाल हो जाए है बस हसरत यही इस ‘क़ल्ब-नामे’ की अब, धड़कन-ए-दिल-ए-महबूब हो “अल्फ़ाज़-ए-अब्दाल" ताल हो जाए

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